पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान आज यानी 19 सितंबर को सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं.
सऊदी के बाद पीएम ख़ान अमरीका जाने वाले हैं और वहां संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी भी यूएन की आम सभा को संबोधित करने वाले हैं. इमरान ख़ान ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वो यूएन में कश्मीर के मुद्दे को ज़ोरदार तरीक़े से उठाएंगे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान से सटी तोरखम सीमा को व्यापार के लिए चौबीसों घंटे खोलने के उद्घाटन समारोह में एक बार फिर से भारत की मोदी सरकार पर हमला बोला. इमरान ख़ान से एक पत्रकार ने ये भी पूछा कि पाकिस्तानी कश्मीर को लेकर ग़ुस्से में हैं और वहां जाकर उनके लिए लड़ना चाहते हैं.
जवाब में इमरान ख़ान ने कहा, ''अगर कोई भी पाकिस्तान से जाकर कश्मीर में जिहाद करना चाहता है तो वो सबसे पहले कश्मीरियों से जुल्म करेगा. वो कश्मीरियों से दुश्मनी करेगा क्योंकि हिन्दुस्तान ने नौ लाख सेना के जवानों को लगा रखा है. उनको सिर्फ़ बहाना चाहिए और फिर कहेंगे कि कश्मीरी तो हमारे साथ हैं लेकिन पाकिस्तान से दहशतगर्द आ रहे हैं और फिर हिन्दुस्तान को जुल्म करने का बहाना मिल जाएगा.''
इमरान ने कहा, ''हिन्दुस्तान दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश करेगा कि पाकिस्तान दहशतगर्द भेज रहा है. सारी दुनिया का ध्यान हमारी तरफ़ आ जाएगा. भारत के ऊपर हर रोज़ प्रेशर बढ़ रहा है. अगर किसी ने यहां से कोई हरकत की तो पाकिस्तान का भी दुश्मन है और कश्मीरियों का भी दुश्मन होगा.''
इमरान ख़ान ने कहा, "हिन्दुस्तान के ऊपर एक क़ब्ज़ा हो गया है. हिन्दुस्तान की बदक़िस्मती है कि उसके ऊपर एक राजनीतिक धड़े ने क़ब्ज़ा कर लिया है. इनकी नीति नफ़रत से भरी हुई है. ये साधारण हुकूमत नहीं है. इनसे कश्मीर में बिना कर्फ़्यू हटाए कोई बात नहीं होगी. इन्हें 370 भी बहाल करना होगा. मैं संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में बोलने जा रहा हूं और कौम से वादा करता हूं कि कश्मीर के केस को इससे पहले किसी ने नहीं ऐसे नहीं रखा होगा, जैसे मैं रखने जा रहा हूं."
इमरान ख़ान ने पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हमले को लेकर भी बोला. उन्होंने कहा, ''सिंध के घोटकी में हमारे हिन्दू समुदाय के साथ जो किया गया है, उसकी सख़्त निंदा करता हूं और कहना चाहता हूं कि ये साज़िश है और जानबूझकर संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में बोलने से पहले किया गया है. याद रखिए कि हमारा संविधान सभी इंसानों को बराबर देखता है. इस्लाम भी इसकी अनुमति नहीं देता है. क़ायद-ए-आज़म ने सबको आश्वस्त किया था कि मुल्क का हर नागरिक एक समान है.
इस मौके़ पर तालिबान और अमरीका के बीच बातचीत टूटने पर पूछे गए सवाल पर इमरान ने कहा कि उन्हें अख़बारों से इसकी जानकारी मिली है.
उन्होंने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान तालिबान और अमरीका के बीच अगर बातचीत फिर से शुरू नहीं हुई तो यह बहुत दुखद होगा. हमने उनके कहने पर तालिबान के सभी नेता को क़तर पहुंचाया. अमरीका यह मानता है कि पाकिस्तान ने तालिबान के साथ शांति वार्ता में पूरी कोशिश की."
"हमने तो यहां तक कहा कि शांति वार्ता में पाकिस्तान नहीं बैठेगा और हम नहीं बैठे. तालिबान और अमरीका के बीच सीधी बातचीत हुई. अगर हमें पता होता कि दोनों के बीच बातचीत में रुकावट कहां आ रही है तो हम और कोशिश करते. हमने तो अख़बारों में पढ़ा है कि यह बातचीत बंद हो गई है."
इमरान ख़ान ने कहा, "सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप से मेरी मुलाक़ात है. बीते चार दशक से अफ़ग़ानिस्तान के लोग इसका इंतज़ार कर रहे हैं और वहां बहुत तबाही मची हुई है. तो सबसे पहले तो यह अफ़ग़ानिस्तान के लिए सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है और फिर पाकिस्तान में भी इससे बहुत तबाही हुई है. लिहाजा हम पूरी कोशिश करेंगे."
इमरान ने कहा, "अमरीका और अफ़ग़ानिस्तान के बीच डील साइन होने वाली थी. उसके बाद मैं उनसे मुलाक़ात करने वाला था. मेरी कोशिश यह थी कि तालिबान और अफ़ग़ानिस्तान सरकार साथ बैठ कर बातचीत करें क्योंकि अभी तालिबान अमरीका से बात तो करता है लेकिन अफ़ग़ानिस्तान सरकार से नहीं. अफ़ग़ानिस्तान में चुनाव होने हैं और अगर तालिबान इसमें भाग नहीं लेता है तो यह बेहद दुखद होगा."
इमरान ने विपक्ष पर ब्लैकमेल करने का आरोप मढ़ते हुए कहा, "बदक़िस्मती से जिस मुल्क में विपक्ष का नज़रिया नहीं होता वहां लोकतंत्र सही मायने में चलता नहीं है. आप हमारी नेशनल असेंबली में देख लें कि वो कश्मीर पर संयुक्त सत्र बुलाते हैं लेकिन उनकी हक़ीक़त देख लीजिए. वो हमें केवल ब्लैकमेल कर रहे हैं."
"ये ब्लैकमेल करते हैं कि दोनों को जेल से बाहर कर दिया जाए और जनरल मुशर्रफ़ की तरह एनआरओ दे दें."
इमरान ने साफ़-साफ़ यह कहा, "हम दबाव में किसी भी व्यक्ति को एनआरओ नहीं दिलवाएंगे. दोनों विपक्षी पार्टियों के नेताओं को एनआरओ देने की वजह से पकिस्तान का क़र्ज़ 6 हज़ार अरब से 30 हज़ार अरब तक पहुंच गया है. दोनों नेताओं को चोरी का तज़ुर्बा था और खुलकर चोरी की. किसी ने इन्हें पकड़ा नहीं. इन्होंने जिस बेदर्दी से मुल्क को लूटा है, उसमें कभी माफ़ नहीं किया जाएगा."
Comments
Post a Comment